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लेखक:

रामधारी सिंह दिवाकर
जन्म : 1 जनवरी, 1945।

शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी.।

बिहार के गाँव नरपतगंज (जिला अरिया) में एक निम्न-मध्यवर्गीय किसान परिवार में जन्म। आरम्भिक जीवन गाँव में बीता। आरंभिक शिक्षा गाँव के स्कूलों और महाविद्यालयी शिक्षा फारबिस गंज और मुजफ्फरपुर में। भागलपुर विश्विद्यालय से एम.ए. हिंदी। ‘जैनेंद्र की भाषा’ शोध-प्रबंध पर भागलपुर विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. की उपाधि।

1967 से महाविद्यालयों में अध्यापन-कार्य। मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष। प्रतिनियुक्ति पर 1997 से बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना के निदेशक-पद पर कार्यरत। पहली कहानी ‘नई कहानियाँ’ के जून 1971 के अंक में प्रकाशित। तब से अनवरत लेखन। हिंदी की तमाम प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक कहानियाँ, उपन्यास आदि प्रकाशित।

कृतियाँ :

उपन्यास : क्या घर क्या परदेस, काली सुबह का सूरज, पंचमी तत्पुरुष, आग-पानी आकाश, टूटते दायरे, अकाल सन्ध्या।

कहानी-संग्रह : नए गाँव में, अलग-अलग अपरिचय, बीच से टूटा हुआ, नया घर चढ़े, सरहद के पार, धरातल : (काकपद, धरातल, आतंक, स्वयं-साक्षी, अनाम संज्ञा, नवजात, नायक-प्रतिनायक, संबंध-वाचक, खोयी हुई जमीन, नीड़पाखी।), मखान पोखर, माटी-पानी, वर्णाश्रम : (वर्णाश्रम, चोर दरवाजा, छोटे लोग, नवोदय, पुनरागमन, आखिरी लोग, पोलटिस, प्रमाण-पत्र, अपना घर, इस पार के लोग, दुर्घटना, मानो दीदी, गाँठ, बड़े होते लोग।), दस प्रतिनिधि कहानियाँ।

संपादित : कथा भारती, गल्प भारती।

10 प्रतिनिधि कहानियाँ (रामधारी सिंह दिवाकर)

रामधारी सिंह दिवाकर

मूल्य: Rs. 160

रामधारी सिंह दिवाकर के द्वारा चुनी हुई दस सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ.....   आगे...

अकाल सन्ध्या

रामधारी सिंह दिवाकर

मूल्य: Rs. 225

ग्रामीण जीवन के कुशल कथा-शिल्पी रामधारी सिंह दिवाकर का यह उपन्यास ‘अकाल सन्ध्या’ बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रहे गाँवों का प्रामाणिक दस्तावेज है।   आगे...

अंतिम अध्याय

रामधारी सिंह दिवाकर

मूल्य: Rs. 199

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दाखिल खारिज

रामधारी सिंह दिवाकर

मूल्य: Rs. 400

दाखिल खारिज...

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धरातल

रामधारी सिंह दिवाकर

मूल्य: Rs. 95

इस संग्रह में रामधारीसिंह दिवाकर की प्रमुख कहानियों का वर्णन है...   आगे...

वर्णाश्रम

रामधारी सिंह दिवाकर

मूल्य: Rs. 170

सामाजिक संरचना एवं राजनीतिक मूल्यहीनता पर आधारित पुस्तक   आगे...

 

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